
हिंदी व्याकरण – मुहावरा Muhavare ( मुहावरे और लोकोक्ति ) Muhavare or Lokokti me Antar Class 10th Hindi Grammar
Muhavare Aur Lokoktiyan “मुहावरे और लोकोक्ति” Question Answer in Hindi. Muhavare or Lokokti me antar यहाँ पर दिया गया है जो परीक्षा के लिए बहुत महतवपूर्ण है | मुहावरा किसे कहते हैं ? | लोकोक्ति किसे कहते हैं ? | मुहावरे और लोकोक्ति में अन्तर | मुहावरों का अर्थ
Muhavare or Lokokti Question |
प्रश्न. मुहावरा किसे कहते हैं ?
उत्तर⇒ जब कोई पद या पदबंध अपना साधारण (कोशीय) अर्थ न देकर विशेष अर्थ देता है तो उसे महावरा कहते हैं। जैसे-सिर हथेली पर रखना का सामान्य अर्थ सम्भव नहीं है क्योंकि कोई भी अपना सिर हथेली पर नहीं रखता। अतः इसका लाक्षणिक (रूढ) अर्थ लिया जाता है बडे-से-बडे बलिदान के लिए प्रस्तुत होना । मुहावरे मौखिक और लिखित अभिव्यक्ति को अधिक चुस्त, सशक्त, आकर्षक और प्रभावी बनाते हैं।
प्रश्न. लोकोक्ति किसे कहते हैं ?
उत्तर⇒ यह ‘लोक + उक्ति’ से बना है जिसका अर्थ है – जनसाधारण में प्रचलित कथन । लोकोक्तियों का निर्माण जीवन के अनुभवों के आधार पर होता है।
अपने कथन की पुष्टि करने के लिए उदाहरण देने या अभिव्यक्ति को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लोकोक्तियों का प्रयोग किया जाता है। यहाँ यह बात ध्यान रखने की है कि मुहावरा वाक्य का अंग बनकर आता है किन्तु लोकोक्ति का स्वतंत्र प्रयोग होता है। दूसरे शब्दों में इस प्रकार भी कह सकते हैं कि महावरे का वाक्य-प्रयोग होता है, लोकोक्ति वाक्य के अंत में प्रयुक्त होती है।
प्रश्न. मुहावरे और लोकोक्ति में अन्तर बताइए।
उत्तर⇒ बहुत-से लोग मुहावरे तथा लोकोक्ति में कोई अंतर ही नहीं समझते । दोनों का अंतर निम्नलिखित बातों से स्पष्ट है –
(क) लोकोक्ति लोक में प्रचलित उक्ति होती है जो भूतकाल का लोक-अनुभव लिए हुए होती है, जबकि मुहावरा अपने रूढ़ अर्थ के लिए प्रसिद्ध होता है।
(ख) लोकोक्ति पूर्ण वाक्य होती है, जबकि मुहावरा वाक्य का अंश होता है। ।
(ग) पूर्ण वाक्य होने के कारण लोकोक्ति का प्रयोग स्वतंत्र एवं अपने-आपमें पर्ण इकाई के रूप में होता है, जबकि मुहावरा किसी वाक्य का अंश बनकर आता है।
(घ) पूर्ण इकाई होने के कारण लोकोक्ति में किसी प्रकार का परिवार होता, जबकि मुहावरे में वाक्य के अनुसार परिवर्तन होता है।
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मुहावरे |
Important muhavare in hindi
SL.N | मुहावरा | अर्थ |
1. | अँगूठा दिखाना | साफ इनकार कर देना |
2. | अपना उल्लू सीधा करना | स्वार्थ सिद्ध करना |
3. | अगर-मगर करना | टाल-मटोल करना |
4. | अक्ल का दुश्मन | मुर्ख |
5. | अपने पैरों पर खड़ा होना | आत्म-निर्भर होना |
6. | अंधेरे घर का उजाला | इकलौता पुत्र, जिस पर आशाएँ टिकी हों |
7. | आँख दिखाना | गुस्से से देखना |
8. | आँखों का तारा | बहुत प्यारा |
9. | आँखें बिछाना | बहुत आदर करना |
10. | आँसू पोंछना | सांत्वना देना |
11. | आसमान पर चढ़ना | बहुत अभिमान करना |
12. | आकाश के तारे तोड़ना | असम्भव काम करना |
13. | आग-बबूला होना | गुस्से से भर जाना |
14. | आकाश को छूना | बहुत ऊँचा होना |
15. | आकाश-पाताल एक करना | बहुत परिश्रम करना |
16. | आग में घी डालना | क्रोध को बढ़ाना |
17. | आगे-पीछे फिरना | चापलूसी करना |
18. | आस्तीन का साँप | धोखा देने वाला साथी |
19. | ईद का चाँद | बहुत कम दिखाई देने वाला |
20. | ईंट-से-ईंट बजाना | समूल नष्ट-भ्रष्ट कर देना |
21. | उल्टी गंगा बहाना | विपरीत कार्य करना । |
22. | कमर कसना | तैयार होना |
23. | कफन सिर पर बाँधना | मरने के लिए तैयार होना |
24. | कलई खुलना | भेद खुल जाना |
25. | कलेजा फटना | बहुत दुःख होना |
26. | कलेजे पर साँप लोटना | ईर्ष्या से जलना |
27. | कमर टूटना | निराश होना |
28. | कान का कच्चा होना | बिना सोचे-समझे बात पर विश्वास करना |
29. | काम आना | वीरगति प्राप्त करना |
30. | कान भरना | चुगली करना |
31. | कायापलट होना | बिल्कुल बदल जाना |
32. | कोल्हू का बैल होना | लगातार काम में लगे रहना |
33. | किताब का कीड़ा होना | हर समय पढ़ते रहना |
34. | खरी-खोटी सुनाना | बुरा-भला कहना |
35. | खटाई में पड़ना | काम में अड़चन आना |
36. | खून खौलना | जोश में आना |
37. | खून का यूंट पीना | अपने क्रोध को भीतर-ही-भीतर सहना |
38. | खिल्ली उड़ाना | हँसी उड़ाना |
39. | ग़ड़े मुर्दे उखाड़ना | पिछली बातें याद करना |
40. | गुदड़ी का लाल होना | निर्धन परिवार में जन्मा गुणी व्यक्ति |
41. | गुड़ गोबर कर देना | बनी बात बिगाड़ देना |
42. | घर का चिराग होना | घर की आशा होना |
43. | घाट-घाट का पानी पीना | अत्यन्त अनुभवी होना |
44. | घी के दीये जलाना | खुशियाँ मनाना |
45. | घोड़े बेचकर सोना | निश्चित होना |
46. | चल बसना | मर जाना |
47. | चिराग तले अँधेरा होना | महत्त्वपूर्ण स्थान के समीप अपराध या दोष पनपना |
48. | चैन की वंशी बजाना | आनन्द से रहना |
49. | छक्के छुड़ाना | हराना |
50. | छाती पर साँप लोटना | जलना |
51. | छोटा मुँह, बड़ी बात होना | अपनी सीमा से बढ़कर बोलना |
52. | जान पर खेलना | जोखिम उठाना |
53. | टका-सा जवाब देना | साफ इनकार करना |
54. | टाँगें पसारकर सोना | निश्चित होना |
55. | टॉग अड़ाना | व्यर्थ में दखल देना |
56. | टोपी उछालना | अपमानित करना |
57. | डींगें हाँकना | शेखियाँ जमाना |
58. | तारे गिनना | व्यग्रता से प्रतीक्षा करना |
59. | तिल का ताड़ बनाना | छोटी-सी बात को बढ़ा देना |
60. | तलवा चाटना | खुशामद करना |
61. | तूती बोलना | बहुत प्रभाव होना |
62. | दाँतों तले अंगुली दबाना | आश्चर्यचकित होना । |
63. | दाँत खट्टे करना | हराना |
64. | दाल में कुछ काला | कुछ रहस्य होना |
65. | दाल न गलना | सफल न होना |
66. | दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करना | अधिकाधिक उन्नति करना |
67. | दो दिन का मेहमान | बहुत कम दिन जीने की उम्मीद |
68. | दिमाग चाटना | व्यर्थ बके जाना |
69. | धज्जियाँ उड़ाना | खंड-खंड कर देना |
70. | धरती परं पाँव न पड़ना | अभिमान से भरा होना |
71. | धाक जमाना | रौब जमाना |
72. | धुन सवार होना | काम करने की लगन होना |
73. | धूप में बाल पकाना | बूढ़ा हो जाने पर भी अनुभवहीन |
74. | नाक में दम करना | बहुत तंग करना |
75. | नाकों चने चबवाना | बहुत तंग करना |
76. | नाक कटना | इज्जत जाना |
77. | नीचा दिखाना | पराजित करना |
78. | नौ-दो ग्यारह होना | भाग जाना |
79. | पत्थर की लकीर होना | पक्की बात होना |
80. | पाँचों उँगली घी में होना | बहुत लाभ होना |
81. | पारा उतरना | क्रोध शांत होना |
82. | पीठ दिखाना | हारकर भागना |
83. | बाल भी बाँका न होना | कुछ भी न बिगड़ना |
84. | माथा ठनकना | शक हो जाना |
85. | मिट्टी का माधो | बहुत मूर्ख |
86. | मुँह फुलाना | कुपित होना |
87. | मुंह की खाना | पराजित होना |
88. | मुट्ठी गर्म करना | रिश्वत देना |
89. | लटू होना | मुग्ध होना |
90. | लाल-पीला होना | क्रोध करना |
91. | लोहा मानना | प्रभाव स्वीकार करना |
92. | सिर-आँखों पर बिठाना | बहुत आदर करना |
93. | सिर पर चढ़ाना | गुस्ताख बनाना |
94. | श्रीगणेश करना | आरम्भ करना |
95. | हवा से बातें करना | बहुत तेज दौड़ना |
96. | हथियार डालना | हार मान लेना |
97. | हाथ पाँव मारना | प्रयत्न करना |
98. | हाथ मलना | पश्चात्ताप करना |
99. | हाथ फैलाना | भीख माँगना |
100. | हाथ का मैल होना | तुच्छ वस्तु होना |
important lokoktiyan in hindi
लोकोक्तियाँ |
1. | अधजल गगरी छलकत जाए | थोड़ा धन अथवा ज्ञान वाले दिखावा अधिक करते हैं। रवि अल्पज्ञानी होने के बावजूद दिखावा अधिक करता है, मानो अधजल गगरी छलकत जाए। |
2. | अंत भला तो सब भला | परिणाम अच्छा होने पर सब अच्छा मान लिया जाता है। |
3. | अपना हाथ जगन्नाथ | स्वावलम्बी होना चाहिए। |
4. | अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता | अकेला व्यक्ति असमर्थ होता है। |
5. | अंधों में काना राजा | गुणहीनों में थोड़ा गुणवान भी सम्मान पाता है। |
6. | अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत | समय बीत जाने पर पछताने से क्या लाभ ? |
7. | अपनी करनी पार उतरनी | अपने किए पर सफलता मिलती है । |
8. | अंधा क्या चाहे दो आँखें | किसी इच्छित वस्तु का प्राप्त होना । |
9. | अपनी अपनी डफली अपना | अपना राग सबकी अलग-अलग राय होना । |
10. | आँख का अंधा गाँठ का पुरा | मुर्ख धनवान रघु सेठ के व्यवहार से लगता है कि वह आँख का अन्धा गाँठ का पूरा है। |
11. | आम के आम गुठलियों के दाम | दोहरा लाभ / दूना फायदा उठाना। |
12. | आख का अंधा, नाम नयनसख | नाम के अनुरूप गण का न होना। |
13. | अंधा पीसे कुत्ता खाए | कमाए कोई और खाए कोई । |
14. | ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया | परमात्मा की लीला विचित्र होती है। |
15. | न ऊधो का लेना न माधो का देना | किसी से कोई मतलब नहीं । |
16. | उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे | दोषी होकर निर्दोष को पकड़ना। |
17. | ऊँची दुकान फीका पकवान | केवल बाहरी दिखावा । |
18. | ऊँट के मुँह में जीरा | अधिक खाने वाले को थोड़ी वस्तु देना। |
19. | एक अनार सौ बीमार | एक वस्तु के लिए अनेक ग्राहक होना । |
20. | एक सड़ी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है | एक व्यक्ति के कारण सारा समाज कलंकित होता है। |
21. | एक हाथ से ताली नहीं बजती | लड़ाई में दोनों पक्ष दोषी रहते हैं। |
22. | ओखली में सिर दिया तो मूसल से क्या डरना | कठिन कार्य को करते वक्त संकटों से नहीं डरना चाहिए। |
23. | कंगाली में आटा गीला | अभावों में कष्ट पर कष्ट आना। |
24. | कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा | इधर-उधर की बेमेल वस्तुओं को जोड़कर नई वस्तु बनाना। |
25. | काठ की हाँड़ी बार-बार नहीं चढ़ती | छल-कपट बार-बार काम नहीं आता। |
26. | का बरखा जब कृषि सुखाने | समय बीत जाने पर सहायता बेकार है। |
27. | खग ही जाने खग की भाषा | साथ रहने वाले ही एक-दूसरे का स्वभाव जानते हैं। |
28. | खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है | एक को देखकर दूसरा भी रंग बदलता है। |
29. | खोदा पहाड़ निकली चुहिया | अधिक परिश्रम करने पर कम फल प्राप्त होना। |
30. | गंगा गए गंगादास यमुना गए यमुनादास | अवसरवादी । |
31. | घर का भेदी लंका ढाए | घर की फूट से हानि होती है। |
32. | घर का जोगी जोगड़ा आन गाँव का सिद्ध | घर के श्रेष्ठ व्यक्ति का कम सम्मान होता है। |
33. | घोड़ा घास से यारी करे तो खाए क्या | काम के बदले पारिश्रमिक माँगने में कोई बुराई नहीं। |
34. | चोर की दाढ़ी में तिनका | दोषी आदमी सदैव सशंकित रहता है। |
35. | जल में रहकर मगर से बैर | जहाँ रहना हो वहाँ के लोगों से दशमनी। |
36. | वही ढाक के तीन पात | एक ही स्थिति में रहना। |
37. | दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम | कहीं का ना रहना । |
38. | न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी | मूल स्रोत ही समाप्त कर देना । |
39. | नाच न जाने आँगन टेढ़ | अपने से काम न होने पर दसरे पर दोष मढना |
40. | पर उपदेश कुशल बहुतेरे | दूसरों को उपदेश देने में सभी चतुर होते है |
Class 10th Hindi Grammer Question