Class 10th Science | मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार प्रश्न उत्तर -Question Answer 2022 | Manav Netra Tatha Rang Biranga Sansar Subjective Question Answer

Manav Netra Tatha Rang Biranga Sansar : कक्षा 10 विज्ञान का दूसरा चैप्टर मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार का महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर नीचे दिया गया है। जो मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। तो अगर आप मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार Objective PDF का प्रश्न उत्तर पढ़ना चाहते हैं। तो नीचे प्रश्न उत्तर दिया गया है। 


मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार प्रश्न उत्तर

1 .दो आंखों की क्या उपयोगिता है ?

उत्तर  ⇒ वस्तु को दो आंखों से देखने की उपयोगिता निम्न है ?

(i) वस्तु की दूरी का अंदाजा ठीक लगाया जा सकता है ।
(ii) वस्तु त्रिदिशाओं का प्रभाव ठीक से प्राप्त किया जा सकता है ।
(iii) दोनों आंख एक दूसरे को सेकंड के एक भाग के लिए आराम देती रहती है  |


2. दूर दृष्टिदोष से आपका क्या अभिप्राय है ? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जा सकता है ?

उत्तर  ⇒ इस दृष्टि दोष में नेत्र निकट की वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है इस स्थिति में प्रतिबिंब दृष्टिपटल के पीछे बनता है दीर्घ दृष्टि के लिए एक निकट बिंदु होता है।

दोष का निवारण :- इस दोष को उत्तल लेंस से दूर किया जाता है यह प्रतिबिंब को दृष्टि पटल पर बनाने में मदद करता है ।


3 .प्रकाश का वर्ण विक्षेपण किसे कहते हैं ?

उत्तर  ⇒ जब कांच की प्रिज्म से प्रकाश का पुंज गुजारा जाता है तो यह सात रंगों में बैठ जाता है जिसे प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहते हैं इन सात रंगों को बैगनी, हल्के नीले ,नीला ,हरा, पीला, ऑरेंज और लाल वर्ण क्रम में व्यवस्था प्राप्त होती है। यह सभी रंग अलग-अलग कौन पर मुड़ते हैं। लाल रंग सबसे कम मुड़ता है और बैगनी सबसे अधिक। वर्णक्रम को VIBGYOR के द्वारा याद रखा जा सकता है । प्रकाश का विक्षेपण प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है । प्रकाश के विभिन्न रंगों के द्वारा निर्वाह या हवा में समान वेग से दूरी तय की जाती है।


4 .समंजन क्षमता को परिभाषित कीजिए। एक वयस्क में सामान्य दृष्टि के लिए इसका मान क्या होता है ?

उत्तर  ⇒ अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता, जिसके द्वारा विभिन्न दूरियों पर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए लेंस की फोकस दूरी को कम अथवा अधिक किया जाता है, समंजन क्षमता कहलाती है। सामान्य दृष्टि के लिए, युवा-वयस्कों में समंजन 25 cm. तथा अनन्त के बीच होता है, इसलिए समंजन क्षमता 4 डाइऑप्टर होती है।


5. जरा दूरदर्शिता तथा दीर्घ दृष्टि दोष में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर  ⇒ दोनों स्थितियों में नजदीकी वस्तु को ना देख पाना तथा अभिनेत्र लेंस की अधिक फोकस दूरी के कारण है। दीर्घ दोष में, अभिनेत्र लेंस बीच में पतला हो जाता है या नेत्र गोलक छोटा हो जाता है। यदि दोस्त पक्ष्माभी पेशियों के कमजोर पड़ जाने से है तो वह लेंस की फोकस दूरी को कम नहीं कर पाती है और इस दोस्त को जरा दूरदर्शिता दोस्त कहते हैं ऐसा दोस्त अधिकतर आयु में वृद्धि होने पर हो जाता है।

6 . सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते ?

उत्तर  ⇒  किसी वस्तु को आराम से सुस्पष्ट देखने के लिए इसे अपने नेत्रों से कम-से-कम 25 cm. (जो कि सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी है) दूर रखना होता है। अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी एक निश्चित न्यूनतम सीमा से नीचे तक नहीं घट सकती । यदि कोई वस्तु नेत्र के अत्यधिक निकट है, तो अभिनेत्र लेंस इतना अधिक वक्रित नहीं हो पाता कि वस्तु का प्रतिबिम्ब दृष्टि पटल पर बने, जिसके फलस्वरूप परिणामी प्रतिबिम्ब धुंधला-सा बनता है।


7 .तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?

उत्तर  ⇒ जब तारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो उसे बढ़ते हुए अपवर्तनांक वाले माध्यम से गुजरना पड़ता है। इसके कारण तारों का प्रकाश लगातार पृथ्वी की त्रिज्या की तरफ मुड़ता जाता है। माध्यम के अपवर्तनांक में अनियमित उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, जिसके कारण तारों का प्रकाश कभी हमारी आँखों तक पहुँचता है, कभी नहीं पहुँचता। इसके कारण हमें तारे टिमटिमाते प्रतीत होते हैं।


8 . दृष्टि निर्बध क्या है ? किस प्रकार चलचित्र संभव होता है ?

उत्तर  ⇒ रेटिना पर बना प्रतिबिम्ब वस्तु के हटाए जाने के 1/10 सेकेण्ड तक स्थिर रहता है। इसे दृष्टि निर्बध कहते हैं । यदि चलचित्र कैमरे द्वारा खींचे गए अचल चित्रों में दृश्यों के क्रम को किसी परदे पर लगभग 24 प्रतिबिम्ब बनाता प्रति सेकेण्ड अथवा इससे अधिक दर पर प्रक्षेपित किया जाए तो प्रतिबिम्बों के क्रमागत प्रभाव निर्बाध रूप से एक-दूसरे में मिश्रित अथवा विलीन होते प्रतीत होते हैं। इस सिद्धान्त से चलचित्र संभव हो पाता है।


9 . स्वच्छ आकाश का रंग हमें नीला दिखाई पड़ता है जबकि किसी अन्तरिक्ष यात्री को काला प्रतीत होता है, क्यों ?

उत्तर  ⇒ सूर्य का प्रकाश जब वायुमंडल में प्रवेश करता है तब प्रकाश का प्रकीर्णन होता है। लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम और नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है। रंग के प्रकीर्णन में नीले रंग की अधिकता होती है, इसलिए आकाश का रंग नीला दिखाई देता है। अंतरिक्ष में प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है, इसलिए अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देता है।


10.  रेलवे के सिग्नल का प्रकाश लाल रंग का ही क्यों होता है ?
उत्तर  ⇒ – रेलवे के सिग्नल में लाल रंग का प्रयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है और लाल रंग अधिक दूरी से भी साफ-साफ दिखलाई पड़ जाती है


11 . निकट दृष्टि दोष एवं दूर दृष्टि दोष में अंतर लिखें |

उत्तर  ⇒

निकट दृष्टि दोष दूर दृष्टि दोष
1. नेत्र लेंस की फोकस दूरी अधिक हो जाती है 1.नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है
2.नेत्र गोलक लंबा हो जाता है 2.नेत्र गोलक छोटा हो जाता है
3.इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का उपयोग किया जाता है 3.इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है


12. दृष्टिदोष क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है?

उत्तर  ⇒ सामान्य नेत्र द्वारा 25 सेमी० पर की वस्तु को स्पष्ट देखा पाता है। जब इस स्पष्ट दर्शन की न्यूनतम दूरी पर वस्तु को स्पष्ट नहीं देख पाता है तो कहा जाता हे कि नेत्र में दृष्टिदोष है। यह मुख्यतः चार प्रकार का होता है

(i) निकट दृष्टिदोष
(ii) दीर्घ दृष्टिदोष
(iii) जरा दृष्टिदोष
(iv) अबिंदुकता


13. जरा-दूरदृष्टिता क्या है ?

उत्तर  ⇒ आयु में वृद्धि होने के साथ-साथ मानव नेत्र की समंजन-क्षमता घट जाती है। अधिकांश व्यक्तियों का निकट बिंदु दूर हट जाता है। संशोधक चश्मों के बिना उन्हें पास की वस्तुओं को आराम से देखने में कठिनाई होती है। इस दोष को जरा दूर-दृष्टिता कहा जाता है। यह दोष पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे दुबेल होने तथा क्रिस्टलीय लेंस के लचीलेपन में कमी आने के कारण उत्पन्न होता है। कभी-कभी नेत्र में दोनों प्रकार के दोष उत्पन्न हो जाते हैं जिन्हें द्विफोकसी लेंसों की सहायता से दूर किया जाता है।


14. जरादूरदर्शित तथा दीर्घ दृष्टि दोष में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर  ⇒ जरादृष्टि दोष को दूर करने के लिए चश्मे में द्विफोकसी लेंस का उपयोग किया जाता है। चश्मे के ऊपरी भाग में अवतल लेंस और इसी चश्मे के नीचले भाग में उत्तल लेंस लगाया जाता है। इससे जरादृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को और नजदीक की वस्तुओं को आसानी से देख पाता है।
दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को देख पाता है लेकिन नजदीक की वस्तुओं को देखने में कठिनाई होती है। अतः इस दोष वाले व्यक्ति के चश्में में उत्तल लेंस लगाया जाता है।


15. जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी बढ़ा देते हैं तो नेत्र से प्रतिबिम्ब की दूरी को क्या होता है ?

उत्तर  ⇒ नेत्र से वस्तु की दूरी बढ़ा देने पर भी आँख अपने समंजन शक्ति के द्वारा प्रतिबम्ब को रेटिना पर बनाता है। यह स्वस्थ आँख के लिए सम्भव है। नेत्र और रेटिना के बीच की दूरी सदा स्थिर रहती है। दृष्टि परास 10 सेमी० से अनंत बिंदु तक होती है। इस परास पर कहीं भी वस्तु को रखा जाए तो प्रतिबिम्ब रेटिना
पर ही बनेगा।


16. किसी बिंब को देखने के लिए नेत्र का सामंजन किस प्रकार किया – जाता है?

उत्तर  ⇒ अभिनेत्र लेंस की वक्रता में कुछ सीमाओं तक पक्ष्माभी पेशियों द्वारा रूपान्तरित किया जा सकता है। इसकी वक्रता में परिवर्तन होने से इसकी फोकस दूरी भी बदल जाती है। जब पेशियाँ शिथिल होती हैं तो अभिनेत्र लेंस पतला हो जाता है। ऐसी दशा में फोकस दूरी बढ़ जाती है। अतः दूर रखी वस्तुओं को देखने में समर्थ होते हैं। जब हम पास की वस्तुओं को देखते हैं तो पक्ष्माभी पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं। अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी घट जाती है। इससे निकट रखी वस्तु को स्पष्ट देख पाते हैं।


17. नेत्र में जरा दृष्टि दोष का क्या कारण है ?

उत्तर  ⇒ यह बुढ़ापे का नेत्र-दोष है। इस उम्र में नेत्र में सिलियरी पेशियों का लचीलापन समाप्त हो जाता है। नेत्र में संधान शक्ति की कमी के कारण दूर बिंदु और निकट बिंदु का समंजन नहीं हो पाता है।


18. आँखों की सुग्राहिता का क्या अर्थ है ?

उत्तर  ⇒  मद्धिम प्रकाश में भी वस्तु को देखने वाली आँख को सुग्राही आँख कहा जाता है। यह गुण सुग्राहिता कहलाती है।


19. निकट दृष्टि दोष और दूर दृष्टि दोष में किन्हीं तीन अंतरों को लिखें।

उत्तर  ⇒ (i) दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की चीजों को स्पष्ट देखता है लेकिन निकट दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की वस्तुओं को नहीं देख पाता है।
(ii) दूर दृष्टि दोष वाला व्यक्ति नजदीक की वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है लेकिन निकट-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आसानी से स्पष्ट देख पाता है।
(iii) दूर दृष्टि दोष के निवारण में चश्मे में उत्तल लेंस का प्रयोग किया जाता है लेकिन निकट दृष्टि दोष वाले के निवारण हेतु चश्मे में अवतल लेंस का उपयोग होता है।


20. दूर-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश में देखते समय चश्मा उतारना पसंद करता है। क्यों ?

उत्तर  ⇒ दूर-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति दूर की चीजों को आसानी से देख पाता है। अत: वह चश्मा उतारकर ही दूर की वस्तुओं को आसानी से देख पाता है। यही कारण है कि दूर-दृष्टि दोष वाला व्यक्ति आकाश की ओर देखने पर अपना चश्मा उतार देता है।


21. स्पेक्ट्रम क्या है?

उत्तर  ⇒ जब श्वेत प्रकाश (सूर्य का प्रकाश) किसी प्रिज्म से होकर गुजरता है तो यह सात रंगों में विभाजित हो जाता है। प्रकाश के अवयवी वर्गों के इस पैटर्न को स्पेक्ट्रम कहते हैं।


22. टिंडल प्रभाव क्या है?

उत्तर  ⇒ जब किसी घने जंगल के वितान से सूर्य का प्रकाश गुजरता है तो टिंडल प्रभाव को देखा जाता है। जंगल के कुहासे में जल की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश को प्रकीर्णन कर देती हैं।


23. मोतियाबिंद क्या है?

उत्तर  ⇒ बढ़ती उम्र के कारण कुछ व्यक्तियों के नेत्र का क्रिस्टलीय लेंस धुंधला तथा दुधिया हो जाता है। इसके चलते नेत्र से किसी वस्तु को देखना आसान नहीं होता है। इसे मोतियाबिंद कहा जाता है। इस दोष को शल्य चिकित्सा से दूर किया जाता है।


24. प्रकाश के प्रकीर्ण से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर  ⇒ जब प्रकाश की किरण वायुमंडल से होकर गुजरती है तथा वायु के कण द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन होता है और प्रकाशपुंज के मार्ग को देख पाते हैं। वास्तविक विलयन से प्रकाश की किरणें गुजरती हैं तो प्रकाश किरणपुंज का भाग विलयन द्वारा प्रकीर्णित हो जाता है और विलयन पारदर्शी दिखती है।


25. मानव नेत्र में कौन-सा गुण है, जिससे सिनेमा के पर्दे पर चलते हुए तस्वीर को देखते हैं ?

उत्तर  ⇒ जब हम किसी वस्तु को देखते हैं तो उसकी तस्वीर हमारे मानस पटल, पर 1/10 सेकेण्ड तक छायी रहती है। इसके पश्चात् कोई दूसरा तस्वीर सामने आता है तो यह चलती हुइ प्रतीत होती है।


26. स्पेक्ट्रम में किस रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य महत्तम और किस रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य न्यूनतम होता है।

उत्तर  ⇒ स्पेक्ट्रम में लाल रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य महत्तम होता है लेकिन बैंगनी रंग के प्रकाश का तरंगदैर्घ्य न्यूनतम होता है। अतः लाल रंग के प्रकाश का विचलन कम और बैंगनी रंग के प्रकाश का विचलन महत्तम होता है।


27. प्रकीर्णित प्रकाश का वर्ण किस पर निर्भर करती है ?

उत्तर  ⇒ यह प्रकीर्णन करने वाले कणों के साइज पर निर्भर करता है। अत्यंत सूक्ष्म कण मुख्य रूप से नीले प्रकाश को प्रकीर्ण करते हैं जबकि बड़े साइज के कण अधिक तरंगदैर्घ्य के प्रकाश को प्रकीर्ण करते हैं।


28. कैसे व्यक्ति नेत्रदान नहीं कर सकते हैं।

उत्तर  ⇒ उच्च रक्त चाप वाले व्यक्ति, मधुमेह का रोगी, दमे का रोगी जिन्हें कोई संक्रामक रोग नहीं है नेत्रदान कर सकते हैं। एड्स, हेपटाइटिस-B, टेटनस, हैजा से मरने वाले व्यक्ति ही नेत्रदान नहीं कर सकते हैं।


 


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