विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) Vidyut Dhara ke chumbkiya Prabhav Laghu uttariya prashna

Vidyut Dhara ke chumbkiya Prabhav : दोस्तों यहां पर क्लास 10th विज्ञान का विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव चैप्टर का महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न दिया हुआ है जो मैट्रिक परीक्षा 2023 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है आप लोग यहां से विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव चैप्टर का लघु उत्तरीय प्रश्न की तैयारी कर सकते हैं तथा ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन का भी पीडीएफ इस वेबसाइट से आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। 

Vidyut Dhara ke chumbkiya Prabhav short answer type questions


1. विधुत चुंबकीय प्रेरण से क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ वह प्रक्रम जिसके द्वारा किसी चालंक के परिवर्ती चुंबकीय क्षेत्र के कारण अन्य चालक में विद्युत धारा प्रेरित होती है, विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहलाता है।


2. विधुत मोटर के कुछ उपयोगों को लिखें।

उत्तर ⇒ विधुत मोटर के उपयोग निम्नांकित हैं –

(i) विधुत पंखों में
(ii) रेफ्रिजरेटरों में
(iii) विधुत मिश्रकों में
(iv) वाशिंग मशीनों में
(v) MP3 प्लेयरों में।


3. चुंबकत्व की असली पहचान क्या है ?

उत्तर ⇒ चुम्बक में सजातीय ध्रुवों के बीच प्रतिकर्षण और विजातीय ध्रुवों के बीच आकर्षण उत्पन्न होता है।
दो लोहे के टुकड़े लिए जाएं और इनके एक छोर दूसरे के दूसरे छोर से सटाने पर अगर प्रतिकर्षण होता है तो दोनों लोहे के टुकड़े चुम्बक होंगे।

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4. विधुत फ्यूज क्या है, यह किस मिश्र धातु का बना होता है ?

उत्तर ⇒ विधुत परिपथों के लिए फ्यूज तार का उपयोग होता है। यह अतिभारण अथवा लघुपथन के कारण उत्पन्न उच्च विद्युत धारा के बहने पर यह गल जाता है तथा सुरक्षा प्रदान करता है। फ्यूज तार ताँबे तथा टिन के मिश्रधातु से बना होता है।


5. विधुत चुम्बक के चुम्बकत्त्व की तीव्रता किन-किन बातों पर – निर्भर करता है ?

उत्तर ⇒ विधुत चुम्बक के चुम्बकत्त्व की तीव्रता निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है –

(i) परिनालिका के फेरों की संख्या – फेरों की संख्या (N) बढ़ने से चुम्बकत्त्व की तीव्रता (B) समानुपाती ढंग से बढ़ती है।

अर्थात् B ∝ N

(ii) धारा का मान – धारा का मान (I) बढ़ने पर चुम्बकत्व की तीव्रता (B) समानुपाती ढंग से बढ़ती है।

अर्थात् B ∝ I

(iii) क्रोड की प्रकृति पर-परिनालिका के अंदर नरम लोहे का व्यवहार करने पर अधिक शक्तिशाली चुम्बक बनता है। लेकिन इस्पात के व्यवहार करने पर कम शक्तिशाली चुम्बक बनता है।


6. विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव से संबंधित दक्षिण-हस्त अंगूठा का नियम लिखें।

उत्तर ⇒ दक्षिण-हस्त अंगूठा का नियम – जब दाहिने हाथ तर्जनी अंगुली मध्यमिका अंगुली और अंगूठा इस प्रकार फैलाकर रखा जाता है कि तीन अंगुलियाँ एक दूसरे के साथ लम्बवत् हो, अगर तर्जनी अंगुली चुम्बकीय बल की दिशा की ओर, अंगूठा चुम्बक की गति की दिशा की ओर इंगित करे तो मध्यमिका अंगुली प्रेरित धारा की दिशा को इंगित करेगा।


7. फ्लेमिंग के वामहस्त नियम को लिखें।

उत्तर ⇒ फ्लेमिंग के वाम हस्त नियम अपने बायें हाथ की तर्जनी, मध्यमा व अंगूठे को परस्पर लंबवत् फैलाइये। यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा तथा मध्यमा धारा की दिशा प्रदर्शित करे, तो चालक की गति की दिशा अंगूठे की दिशा में होगी।

फ्लेमिंग के वाम हस्त नियम का प्रदर्शन


8. विधुत धारा की प्रबलता की परिभाषा दें।

उत्तर ⇒ किसी चालक तार से प्रति सेकेण्ड बहने वाली आवेश को विद्युत धारा की प्रबलता कही जाती है।

I =Q/t


9. चुंबक किसे कहते हैं ?

उत्तर ⇒ वे पदार्थ चुंबक कहे जाते हैं जो चुंबकीय पदार्थ को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसे स्वतंत्रतापूर्वक वायु में लटकाने पर उत्तर-दक्षिण दिशा को ईंगित करता है। इसमें उत्तर और दक्षिण दो ध्रुव होते हैं।


10. दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को परिच्छेद क्यों नहीं करती है ?

उत्तर ⇒ अगर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को परिच्छेद करती हैं तो क्षेत्र के किसी बिंदु विशेष पर दिक् सूची दो दिशाओं को इंगित करेगा जो असंभव है। यही कारण है कि दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को परिच्छेद नहीं करती हैं।


11. दिष्ट धारा के कुछ स्रोतों के नाम लिखें।

उत्तर ⇒ बैटरी और विधुत मोटर।


12. विधुत जनित्र के सिद्धांत क्या हैं ?

उत्तर ⇒ विधुत जनित्र में यांत्रिक ऊर्जा का उपयोग चुंबकीय क्षेत्र में रखे किसी चालक को घूर्णी गति प्रदान करने में किया जाता है। इसी कारण विधुत धारा उत्पन्न होती है। अतः विधुत जनित्र में यांत्रिक ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।


13. प्रत्यावर्ती धारा से कौन दो हानियाँ होती हैं ?

उत्तर ⇒ प्रत्यावर्ती धारा से निम्नलिखित हानियाँ हैं

(i) प्रत्यावर्ती धारा से विधुत लेपन तथा बैटरियों का आवेशन नहीं किया जा सकता है।

(ii) इस धारा से विधुत विच्छेदन नहीं किया जा सकता है।


14. लघुपथन से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर ⇒ किसी कारण से जब जीवित तार और उदासीन तार एक दूसरे से सट जाते. हैं तो लघुपथन की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस परिस्थिति में प्रतिरोध शून्य हो जाता है और परिपथ में तीव्र धारा बहने लगती है। धारा के उच्च होने पर काफी ताप उत्पन्न होता है जिससे अग्नि की उत्पत्ति होने लगती है तथा परिपथ में आग लगने का भय रहता है।


15. विधुत बल्ब में निष्क्रिय गैस क्यों भरी जाती है ?

उत्तर ⇒ बल्ब के अंदर टंगस्टन का तार रहता है। इस तार का बना कुंडली बल्ब के अन्दर उत्पन्न ताप के कारण प्रकाश देता है। अगर बल्ब में ऑक्सीजन की उपस्थिति होगी तो कुण्डली आक्सीकृत होकर जल जायेगा और बल्ब फ्यूज कर जायेगा। यही कारण है कि बल्ब के अन्दर निष्क्रिय गैसें (N2, Ar) आदि भरी जाती हैं ताकि बल्ब फ्यूज नहीं हो सके।


16. विद्युत चुम्बक और. स्थायी चुम्बक में अंतर बतावें।

उत्तर ⇒ नरम लोहे के क्रोड पर धारावाही कुंडली लपेट कर धारा प्रवाहित की जाये तो यह विद्युत चुम्बक बन जाता है। इसका चुम्बकत्त्व तभी तक रहता है जब तक कुंडली में विद्युत धारा प्रवाहित होती रहती है।
कार्बन स्टील के छड़ को धारावाही कुंडली के गर्भ में रख दिया जाये तो कुछ देर बाद यह चुम्बक बन जाता है। अब धारा का बहना बंद कर दिया जाता है तब भी यह छड़ अपने चुम्बकत्त्व का त्याग नहीं करता है। यह स्थायी चुम्बक कहलाता है।


17.परिनालिका की सहायता से स्थायी चुंबक कैसे बनता है ?

परिनालिका की सहायता से स्थायी चुंबक कैसे बनता है ?

उत्तर ⇒ जब एक स्टील के छड़ को कुंडली के गर्भ में रख दी जाती है और विधुत धारा प्रवाहित किया जाता है, तो स्टील का छड़ स्थायी चुंबक बन जाता है। इसे विधुत चुंबक कहा जाता है।

 


18.2kW शक्ति अनुमतांक एक विद्युत तंदूर किसी घरेलू विधुतपरिपथ (220 V) में प्रचालित किया जाता है जिसका विधुत धारा अनुमतांक 5 A है। इससे आप किस परिणाम की अपेक्षा करते हैं ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर ⇒ P = 2kW = 2000 W, V = 220 V, I = P/V = 2000/220 = 9.09 A विधुत धारा का प्रवाह 5 A से अधिक है अतः फ्यूज गल जायेगा और विद्युत तंदुर नष्ट होने से बच जायेगा।


19. 1.0 किलोवाट अंकित एक विधुत हीटर जो 250 वोल्ट स्रोत से सम्बद्ध है, कितनी विधुत धारा अवशोषित करेगी ?

1.0 किलोवाट अंकित एक विधुत हीटर जो 250 वोल्ट स्रोत से सम्बद्ध है, कितनी विधुत धारा अवशोषित करेगी ?

उत्तर ⇒ P = VI

1 = 4 Ampere
अतः हीटर 4 amp धारा अवशोषित करेगी।


20. विधुत चुंबक की विशेषताओं को लिखें।

उत्तर ⇒ 

(i) विधुत चुंबक का चुंबकत्व स्थायी नहीं होता है। जबतक धारा बहती है चुंबकत्व कायम रहता है और धारा के बंद होने पर चुंबकत्व समाप्त हो जाता है।

(ii) विधुत चुंबक के एक छोर पर उत्तरी ध्रुव और दूसरे छोर पर दक्षिणी ध्रुव पैदा हो जाते हैं। धारा की दिशा उलटने पर ध्रुवों की स्थिति बदल जाती है।

(iii) विधुत चुंबक के चुंबकत्व की तीव्रता परिनालिका में फेरों की संख्या, धारा के मान तथा क्रोड की प्रकृति पर निर्भर करता है।


21. चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करने वाले तीन तरीकों की सूची बनाइए:

उत्तर ⇒ 

(i) प्राकृतिक एवं कृत्रिम चुंबक .
(ii)  विधुत चुंबक
(iii) एक चालक, एक कुण्डली एवं एक परिनालिका जिससे विधुत धारा प्रवाहित होती है।


22. फ्यूज के तार की तीन प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं ?

उत्तर ⇒ फ्यूज के तार की तीन प्रमुख विशेषताएँ निम्नांकित हैं –

(i) इसका प्रतिरोध उच्च होता है।
(ii) इसका गलनांक न्यूनतम होता है।
(iii) घरों में 220V पर 5A अनुमतांक का फ्यूज व्यवहार होता है।


23. ताँबे के तार की कुंडली, धारामापी के साथ संबद्ध है । क्या होगा यदि दण्ड चुंबक को

(i) कुंडली के अंदर चुंबक के उत्तर ध्रुव को पहले प्रविष्ट किया जाय?

(ii) कुंडली से चुंबक को बाहर निकाला जाय ?

(iii) कुंडली के अंदर चुंबक को स्थिर रखा जाय ?

उत्तर ⇒  (i) जब कुंडली के उत्तरी ध्रुव को तेजी से कुंडली के गर्भ में प्रवेश कराया जाता है, तो कुंडली से सम्बद्ध गैलवेनोमीटर की सूई में विचलन उत्पन्न होता . है। कुंडली में धारा की दिशा, घड़ी की विपरीत दिशा में होती है।

(ii) जब चुंबक को कुंडली से बाहर तेजी से निकाला जाय तो गैलवेनोमीटर की सूई में विचलन विपरीत दिशा में होगी।

(iii) अगर चुंबक कुंडली के अन्दर स्थिर हो, तो गैलेवोनोमीटर की सूई में कोई विचलन उत्पन्न नहीं होता है। अर्थात् कुंडली से होकर कोई धारा नहीं बहती है।


24. किसी छड़ चुंबक के चारों ओर चुंबकीय बल रेखा दिखावें।

उत्तर ⇒ 

किसी छड़ चुंबक के चारों ओर चुंबकीय बल रेखा दिखावें।

चित्र में चुंबकीय बल रेखाओं को दिखाया गया है।


25. चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुणों की सूची बनाइए।

उत्तर ⇒ 
(i) ये बल रेखाएँ बंद वक्र होती हैं।
(ii) जहाँ पर क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे के निकट रहती हैं वहाँ चुंबकीय क्षेत्र अधिक प्रबल होता है।
(iii) दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं।


26. चुंबक के निकट लाने पर दिक् सूचक की सूई विक्षेपित क्यों हो जाती है ?

उत्तर ⇒ दिक् सूचक सूई भी एक छोटा चुम्बक है जिसमें N ध्रुव और S ध्रुव मौजूद है। जब चुंबक के समीप इसे लाया जाता है तो इनके ध्रुवों के बीच आकर्षण अथवा प्रतिकर्षण के कारण चुंबकीय सूई विक्षेपित हो जाती है।


विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव चैप्टर का महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

27. पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के संबंध में क्या जानते हैं ?

उत्तर ⇒ पृथ्वी एक शिाल चुंबक की भाँति कार्य करता है। इसका उत्तरी ध्रुव भौगोलिक दक्षिण की ओर दक्षिण ध्रुव भौगोलिक उत्तर की ओर स्थित है। पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का अक्ष और भौगोलिक अक्ष के बीच का कोण 19° होता है।


28. परिनालिका में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर इसका कौन सिरा उत्तरी ध्रुव और कौन सिरा दक्षिणी ध्रुव जैसा बर्ताव करती है ? समझावें।

उत्तर ⇒ परिनालिका के जिस सिरे को देखने पर विद्युत धारा सूई के घूमने की दिशा में हो वह सिरा दक्षिणी ध्रुव और धारा वामावर्त हो तो वह सिरा उत्तरी ध्रुव जैसा व्यवहार करता है।

परिनालिका में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर इसका कौन सिरा उत्तरी ध्रुव और कौन सिरा दक्षिणी ध्रुव जैसा बर्ताव करती है ? समझावें।


29. परिनालिका चुंबक की भाँति कैसे व्यवहार करती है ? क्या आप किसी छड़ चुंबक की सहायता से किसी विधुत धारावाही परिनालिका केउत्तर ध्रुव तथा दक्षिण ध्रुव का निर्धारण कर सकते हैं ?

उत्तर ⇒ जब परिनालिका से विद्युत धारा प्रवाहित किया जाता है तो यह चुंबक की भाँति व्यवहार करता है। परिनालिका के ध्रुव का निर्धारण करने के लिए एक पीतल की हुक की सहायता से इसे स्वतंत्रपूर्वक लटकाया जाता है। एक छड़ चुंबक के उत्तरी ध्रुव को परिनालिका के एक सिरे के पास ले जाया जाता है। अगर आकर्षण होता है तो स्पष्टतः परिनालिका का यह सिरा दक्षिण ध्रुव है। अगर प्रतिकर्षण होता है तो यह सिरा उत्तर ध्रुव होगा। जब एक सिरे के ध्रुव की जानकारी हो जाती है, तो दूसरा ध्रुव आसानी से ज्ञात हो जायेगा।


30. किसी सीधे तार से बहने वाली धारा के कारण उत्पन्न चुंबकीय बल-रेखा की दिशा को बताने वाले नियम को लिखें।

किसी सीधे तार से बहने वाली धारा के कारण उत्पन्न चुंबकीय बल-रेखा की दिशा को बताने वाले नियम को लिखें।

उत्तर ⇒ दक्षिण हस्त अंगूष्ठ नियम – यदि किसी धारावाही तार को अपने हाथ में इस प्रकार पकड़ें कि अंगूठा धारा की दिशा में तना रहे, तो उँगलियाँ चालक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र-रेखाओं की दिशा में लिपटी होगी।
जैसा कि चित्र में दिया गया

 


31. यदि ताम्बे के तार में प्रवाहित विद्युत धारा पूर्ववत् है, परन्तु दिक् . सूचक तांबे के तार से दूर चला जाता है तब दिक् सूची के विक्षेप पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

उत्तर ⇒ चुंबकीय बल दूरी के सीधा समानुपाती होता है। चालक तार से दिक् सूची की दूरी जैसे-जैसे बढ़ती है इसके सूई में विक्षेप वैसे-वैसे घटता जाता है। इसका अर्थ है कि दूर जाने पर विद्युत धारा के कारण उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता घटती है। विद्युत धारावाही सीधे चालक तार दूर हटते जाते हैं तो उसके चारों ओर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र को निरूपित करने वाले सकेंद्री वृत्तों का साइज भी बड़ा हो जाता है।


32. चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ क्या होती हैं ? किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा कैसे निर्धारित की जाती है ? चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के दो प्रमुख गुणधर्म लिखें।

उत्तर ⇒ चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ, चुंबकीय क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र की दिशा और परिमाण को दर्शाता है। किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा एक चुंबक के उत्तरी ध्रुव को उस बिंदु पर रखने पर उसकी दिशा के समकक्ष होती है। चुंबकीय बल रेखाओं के निम्नांकित गुणधर्म हैं :

(i) चुंबकीय बल रेखाएँ एक दूसरे को नहीं काटती हैं।
(ii) बल रेखाओं की संख्या अधिक होने पर चुंबकीय क्षेत्र की शक्ति काफी बढ़ जाती है।


33. औषध में चुंबकत्व का क्या महत्त्व है ?

उत्तर ⇒ हमारे शरीर के तंत्रिका कोशिकाओं के अनुदिश दुर्बल आयन धाराएँ चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं। जब हम किसी वस्तु को स्पर्श करते हैं तो तंत्रिकाएँ एक विद्युत आवेश को पेशी तक भेजती हैं। यह आवेश एक अस्थायी चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। यह चुंबकीय क्षेत्र हृदय और मस्तिष्क में उत्पन्न हो जाते हैं और यह क्षेत्र शरीर के विभिन्न भागों के प्रतिबिंब प्राप्त करते हैं। यह तकनीक चुंबकीय अनुनाद प्रतिबिंब कहा जाता है। चिकित्सा निदान में इन प्रतिबिंबों का उपयोग किया जाता है। अतः चिकित्सा विज्ञान में चुंबकत्व के महत्त्वपूर्ण उपयोग हैं।


34. बी०ओ०टी० क्या है? इसे जूल में परिवर्तित करें।

उत्तर ⇒ 
B.O.T Board of Trade Unit (बोर्ड ऑफ ट्रेड यूनिट)

B.O.T = 01 Kilo Watt – hr = 3.6 x 106 joule = 1000 js -1 x 3600 s  3.6 x 106 joule.


35. किसी चालक के दोनों सिरों पर V विभवांतर के अधीन यदि । ‘धारा प्रवाहित हो तो चालक में ताप की उत्पत्ति की दर क्या होगी ?

उत्तर ⇒ जूल के नियम से हम जानते हैं कि

H = l2 Rt

H/t= l2 R Rate of Heat Produced = l.(IR) = VI

अतः उत्सर्जित ताप = V. I


36. चुंबकीय बल रेखाओं को देखकर क्या निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं ?

उत्तर ⇒ चुंबकीय बल रेखाओं के देखने पर पता चलता है कि चुंबक के दोनों ध्रुवों के पास बल रेखाएँ काफी समीप (सघन) हैं अर्थात् ध्रुवों पर चुंबकीय बल अधिक है। बल रेखाओं के अन्य भागों पर बल रेखाएँ दूरस्थ हैं अतः इन क्षेत्रों में चंबकीय बल अपेक्षाकृत कम है। बल रेखाएँ एक दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं। अगर दो क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को काटेंगी तो वहाँ क्षेत्र की दो दिशाएँ होंगी जो असंभव है।


37. कोई विधुतरोधी ताँबे की तार की कुंडली किसी गैल्वेनोमीटर से संयोजितं है। क्या होगा यदि कोई छड़ चुंबक (i) कुंडली में ढकेला जाता है ? (ii) कुंडली के भीतर से बाहर खींचा जाता है ? (iii) कुंडली के भीतर स्थिर रखा जाता है।

उत्तर ⇒ (i) गैल्वेनोमीटर के सूई में विक्षेप होता है।
(ii) सूई में विक्षेप (i) की अपेक्षा विपरीत दिशा में होता है।
(iii) सूई में कोई विक्षेप नहीं होता है।


38. दो वृत्ताकार कुंडली A तथा B एक दूसरे के निकट स्थित है। यदि कुंडली A में विद्युत धारा में कोई परिवर्तन करे तो क्या कुंडली B में कोई विद्युत धारा प्रेरित होगी ? कारण लिखिए।

उत्तर ⇒ जब कुंडली A में विधुत धारा में परिवर्तन किया जाता है तो कुंडली B में विधुत धारा प्रेरित हो जाती है। इसका कारण यह है कि चुंबकीय बल रेखाओं में परिवर्तन हो जाता है। कुंडली A के समीप कुंडली B के होने के कारण परस्पर प्रेरण की घटना होती है। इसी घटना के कारण B में विद्युत धारा प्रेरित होती है।


39. किसी क्षैतिज शक्ति संचरण लाइन (पावर लाइन) में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर विधुत धारा प्रवाहित हो रही है। इसके ठीक नीचे के किसी बिंदु पर तथा इसके ठीक ऊपर के किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या होगी ?

उत्तर ⇒ विधुत धारा पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित हो रही है। दक्षिण हस्त अंगूष्ठ नियम को लागू करने पर हमें तार के नीचे किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा उत्तर से दक्षिण की ओर प्राप्त होती हैं। तार से ठीक ऊपर के किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर होगी।


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