तत्त्वों का आवर्ती वर्गीकरण ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) Tatvon ka avarti vargikaran class 10th science subjective question answer for Bihar board Matric exam 2022

तत्त्वों का आवर्ती वर्गीकरण : class 10th science objective question answer in Hindi tatvon ka avarti vargikaran का प्रश्न उत्तर का प्रश्न उत्तर यहां पर दिया गया है। जो बिहार बोर्ड के दसवीं के परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। तत्वों का आवर्ती वर्गीकरण ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर क्लास 10th साइंस का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन एंड सब्जेक्टिव क्वेश्चन आंसर फॉर बिहार बोर्ड मैट्रिक एग्जाम 2022.


1. आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा मेंडलीफ की आवर्त सारणी की विसंगतियों का निवारण कैसे किया गया है ?

उत्तर⇒ आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा मेंडलीफ की आवर्त सारणी की विसंगतियों का निवारण (farginferent ara farur (Removal of anomalies of Mendeleev’s periodic table by Modern periodic table)-आधुनिक आवर्त नियम के प्रतिपादन से मेंडलीफ की आवर्त सारणी के अधिकांश दोष दूर हो गये जबकि मेंडलीफ की आवर्त सारणी के तत्त्व आधुनिक आवर्त सारणी में ठीक उसी जगह पर हैं। जैसे कोबाल्ट (Co) का परमाणु संख्या 27 एवं निकेल (Ni) का परमाणु संख्या 28 है। इसलिए आधुनिक आवर्त सारणी में कोबाल्ट को पहले रखा गया और निकेल को बाद में रखा गया।

किसी तत्त्व के सभी समस्थानिकों में प्रोटॉनों की संख्या समान होती है इसलिए उनके परमाणु संख्या भी समान होते हैं। अतः एक तत्त्व के सभी समस्थानिकों (जैसे—क्लोरीन के समस्थानिक CI-35 और C1-37) को तत्त्व के साथ आधुनिक आवर्त सारणी के उसी समूह में एक ही स्थान पर रखा गया।

तत्त्व की परमाणु संख्या एक पूर्ण संख्या होती है, जैसे—1, 2, 3, …… इत्यादि। अतः यदि किसी तत्त्व की परमाणु संख्या पूर्णांक
जैसे—1.5, 2.5, 3.5, …… इत्यादि हो, तो उसे आधुनिक आवर्त सारणी में स्थान मिलना संभव नहीं होगा।
हाइड्रोजन (H) विद्युत धनात्मक तत्त्व है और इसके गुण क्षारीय धातुओं के समान है। अतः हाइड्रोजन को आधुनिक आवर्त सारणी में प्रथम आवर्त एवं प्रथम समूह में रखा गया है।

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2. मेंडलीफ के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं ?

उत्तर⇒ (i) हाइड्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास क्षार धातुओं से मिलता है। क्षार धातुओं की भाँति हाइड्रोजन भी हैलोजन, ऑक्सीजन एवं सल्फर के साथ एक जैसे सूत्र वाले यौगिक बनाती है। दूसरी ओर हैलोजन की भाँति हाइड्रोजन भी द्विपरमाणुक अणु के रूप में पाई जाती है एवं धातुओं और अधातुओं के साथ यह संयोजक यौगिक बनाती है।

निश्चित रूप से आवर्त सारणी में हाइड्रोजन को नियत स्थान नहीं दिया जा सकता है। यह मेंडलीफ के आवर्त सारणी की पहली कमी थी। उन्होंने अपनी सारणी में हाइड्रोजन को उचित स्थान नहीं दे सके।

(ii) मेंडलीफ आवर्त सारणी में समस्थानिकों और नोबुल गैसों के लिए कोई स्थान नहीं दिया गया।

(iii) मेंडलीफ आवर्त सारणी में एक तत्त्व से दूसरे तत्त्व की ओर बढ़ने पर परमाणु द्रव्यमान नियमित रूप से नहीं बढ़ते। इसलिए यह अनुमान लगाना होगा कि दो तत्त्वों के बीच कितने तत्त्व खोजे जा सकते हैं। जब भारी तत्त्वों पर विचार करते हैं तो कठिनाई उत्पन्न हो जाती है।


3. आधुनिक आवर्त सारणी के उपलब्धियों को लिखें।

उत्तर⇒(i) आधुनिक आवर्त सारणी परमाणु-संख्या पर आधारित है जो कि अधिक वैज्ञानिक है।
(ii) हाइड्रोजन को निश्चित स्थान प्रदान किया गया है।
(iii) प्रत्येक तत्त्व की स्थिति उसके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के क्रम में है।
(iv) प्रत्येक आवर्त क्षार धातु (प्रथम आवर्त को छोड़कर) से प्रारंभ होता है और अक्रिय तत्त्व से समाप्त होता है।
(v) अज्ञात तत्त्वों के लिए आवर्त सात में रिक्त स्थान छोड़ा गया है जिससे बहुत से तत्त्वों की खोज हुई है।
(vi) आधुनिक आवर्त सारणी में धातु एवं अधातु को उपधातुओं द्वारा अलग किया गया है।
(vii) आधुनिक आवर्त सारणी में सामान्य तत्त्वों, संक्रमण तत्त्वों एवं अक्रिय गैसों को स्पष्ट रूप से पृथक रखा गया है।


4. आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेंडलीफ की आवर्त सारणी में तत्त्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।

उत्तर⇒आधुनिक आवर्त सारणी में 18 ऊर्ध्व स्तंभ जिन्हें समूह कहा जाता है तथा 7 क्षैतिज कतारें हैं। मेंडलीफ आवर्त सारणी में 8 समूह और 6 क्षैतिज कतारें हैं। आधुनिक आवर्त सारणी में मेंडलीफ की आवर्त सारणी की तीनों कमियों को सुधारा गया है।
आधुनिक आवर्त सारणी तत्त्वों के परमाणु संख्या पर आधारित है, जबकि मेंडलीफ की आवर्त सारणी परमाणु द्रव्यमान पर।
आधुनिक आवर्त सारणी के समूह 1 में उपस्थित तत्त्व (H, Li, Na, K, Rb और Cs) है। इन तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर पाया जाता है कि इनकी संयोजकता इलेक्ट्रॉन की संख्या समान है अर्थात् संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या 1 है।
इसी प्रकार फ्लोरीन और क्लोरीन समूह 17 के तत्त्व हैं। इनका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास करने पर संयोजकता इलेक्ट्रॉन की संख्या 7 है। इससे यह पता चलता है कि आधुनिक आवर्त सारणी में समूह, बाहरी कोश के सर्वसम इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को दर्शाता है। समूह में ऊपर से नीचे की ओर जाने पर कोशों की संख्या बढ़ती जाती है। मेंडलीफ आवर्त सारणी में सोना (Au) को समूह 1 में रखा गया है जबकि आधुनिक आवर्त सारणी में इसे समूह 2 और आवर्त 6 में रखा गया है। मेंडलीफ के आवर्त सारणी में Hg को समूह 2 में और आधुनिक आवर्त सारणी में इसे समूह 12 में रखा गया है। इस प्रकार आधुनिक आवर्त सारणी में मेंडलीफ के आवर्त सारणी के विसंगतियों को सुधारा गया है।


5. न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की सीमाएँ क्या हैं ?

उत्तर⇒(i) यह सिद्धांत केवल कैल्सियम (Cu) तक ही लागू हो सका। इसके बाद प्रत्येक आठवें तत्त्व का गुणधर्म पहले तत्त्व से नहीं मिलता है।

(ii)यह केवल हल्के तत्त्वों के लिए ही ठीक से लागू नहीं हो सका।

(iii) यह अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्वों पर लागू नहीं हो सका।

(iv)तत्त्वों को समंजिल करने के लिए दो-दो तत्त्वों को एक साथ रखा।
जैसे-Co तथा Ni, Ce तथा La

(v)कुछ असमान तत्त्वों को एक स्थान में रखा। जैसे—Co तथा Ni को F, CI तथा Br के साथ रखा जबकि इनके गुणधर्म CO तथा Ni से भिन्न है। Fe को Co तथा Ni से अलग रखा जबकि उनके गुणधर्मों में समानता है।

(vi)निष्क्रिय गैस का आविष्कार हो जाने पर आठवें तत्त्व के बदले नवम् तत्त्व प्रथम तत्त्व के समान गुण वाला होने लगा।

(vii)न्यूलैंड्स ने माना कि प्रकृति में केवल 56 तत्त्व विद्यमान हैं, अन्य तत्त्वों का भविष्य में भी आविष्कार संभव नहीं है। लेकिन बाद में कई नए तत्त्व पाए गए जिनके गुणधर्म, अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे।


6. निष्क्रिय गैसीय तत्त्वों को आवर्त सारणी के शून्य वर्ग में क्यों रखा गया है ?

उत्तर⇒इस परिवार के सदस्यों को शून्य वर्ग में रखा गया है। क्योंकि ये सभी सदस्य O संयोजकता प्रस्तुत करते हैं। इसका अर्थ यह है कि ये अन्य तत्त्वों के साथ संयोजित होने की प्रवृत्ति नहीं रखते। हीलियम की संयोजकता शेल (केवल एक ही शेल) में केवल 2 इलेक्ट्रॉन हैं। अन्य परिवार के सदस्यों की संयोजकता शेल में आठ-आठ इलेक्ट्रॉन होते हैं। संयोजकता (8-संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या) के बराबर होती है। इसलिए ये शून्य संयोजकता प्रस्तुत करते हैं।


7. आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में तत्त्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।अथवा, मेंडेलीफ के आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में क्या अन्तर है ?
उत्तर⇒

मेण्डलीफ की आवर्त सारणी आधुनिक आवर्त सारणी
(i) तत्त्वों को बढ़ते परमाणु द्रव्यमानों में व्यवस्थित किया गया है। (i) तत्त्वों को बढ़ते परमाणु क्रमांक में व्यवस्थित किया गया है।
(ii) इस आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर स्तंभ केवल 8 हैं जो कि वर्ग कहलाते हैं (ii) इस आवर्त सारणी 18 ऊर्ध्वाधर स्तंभ है जो कि वर्ग कहलाते हैं।
(iii) सभी संक्रमण तत्त्वों को एक ही स्थान पर वर्ग VIII में रखा तत्त्व रखे गए हैं। (iii) वर्ग 3 से वर्ग 12 में संक्रमण तत्व रखे गये है ।
(iv) मेण्डेलीफ के साथ उत्कृष्ट गैसों की खोज ही नहीं हुई थी (iv) आधुनिक आवर्त सारणी में उत्कृष्ट गैसों को वर्ग 18 में व्यवस्थित किया गया है।
(v) तत्त्वों के समस्थानिकों को उचित स्थान नहीं मिला है। (v) तत्त्वों के समस्थानिकों को उनके संगत तत्त्वों के स्थान पर ही रखा गया है क्योंकि उनके परमाणु क्रमांक समान होते हैं।
(vi) रासायनिक रूप से असमान तत्त्वों को एक साथ रखे गए हैं। (vi)रासायनिक रूप से असमान तत्त्वों को पृथक्-पृथक् वर्गों में रखा गया है।
(vii) कुछ स्थानों पर उन तत्त्वों को जिनका परमाणु द्रव्यमान उच्च है, उन तत्त्वों से पहले रखा गया है। (vii) इसमें वर्गीकरण का आधार परमाणु क्रमांक है। इस प्रकार मैण्डेलीफ में वर्णित प्रतिलोम जिन तत्त्वों का परमाणु द्रव्यमान क्रम सम्बन्धी दोष को दूर कर निम्न है।

दोस्तों यहां पर क्लास 10th विज्ञान का तत्वों का वर्गीकरण चैप्टर का ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन ( Classification of Elements Objective Questions ) , सब्जेक्टिव क्वेश्चन ऑनलाइन टेस्ट तथा विज्ञान का मॉडल पेपर दिया गया है। लिंक पर क्लिक करके आप सभी मॉडल पेपर को अपने फोन में डाउनलोड कर सकते हैं। 


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बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए यहां पर विज्ञान का महत्वपूर्ण प्रश्न ( Class 10th science objective Question ) उत्तर दिया गया है जो सभी परीक्षार्थी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है तो अगर आप इस बार मैट्रिक परीक्षा देने वाले हैं तो सभी प्रश्न को अच्छी तरह से याद कर लें। 

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